न्यूयार्क। नारी सशक्तिीकरण के इस दौर में अगर आप किसी अति धनवान कन्या से शादी कर अपनी जिंदगी हसीन करने का सपना देख रहें हैं तो यह अगली ही लाइनों में टूटने वाला है।
विश्व की सर्वाधिक धनवान महिलाओं में से सिर्फ दो ही अकेली हैं। इसलिए इनसे शादी के दावेदारों की संख्या खुद-ब-खुद लगाया जा सकता है। इस सपने के चकनाचूर होने की एक वजह यह भी है कि इन धनवान महिलाओं में से एक भी भारतीय नहीं है। ऐसे में तमाम तरह की परंपराओं वाले इस देश में आपकी उम्मीदवारी अपने आप कमजोर हो जाती है।
विश्व की इन सर्वाधिक धनवान या अरबपति युवा महिलाओं की यह सूची अमेरिका की प्रसिद्ध पत्रिका फोर्ब्स ने जारी की है। 24 से 49 वर्षीय 20 युवा महिला अरबपतियों की यह फेहरिस्त पत्रिका के आनलाइन संस्करण में प्रकाशित की गई है। इसमें हैरी पाटर श्रृंखला की लेखिका जेके रोलिंग व अमेरिका के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बराक ओबामा के प्रचार अभियान की वित्त प्रमुख पेनी प्रिजकर शामिल हैं। इनसे शादी के बारे में सोचना भी गुनाह है क्योंकि इनके पति आपका क्या हाल करेंगे,इससे आप भलीभांति परिचित हैं।
फोर्ब्स की इस लिस्ट में शामिल तुर्की की 35 वर्षीय सेरा सबांकी और 41 वर्षीया फिलिज साहेंक फिलहाल अकेली हैं और यही आपके लिए आशा की किरण भी हैं। सूची की सबसे कम उम्र की अरबपति महिला हिंद हरीरी [24 वर्ष] हैं। हिंद लेबनान के पूर्व प्रधामंत्री रफीकहरीरी की सबसे छोटी संतान हैं। रफीक की हत्या कर दी गई थी। हिंद हारिरी ने कंस्ट्रक्शन, बैंकिंग और मीडिया से संबंधित पारिवारिक कारोबार में हिस्सेदारी हासिल की है।
हारिरी ने विश्व की सबसे कम उम्र के अरबपतियों की फोर्ब्स की सूची में भी दूसरा स्थान प्राप्त किया है। इस सूची में पहला नाम सोशल नेटवर्किग वेबसाइट फेसबुक के संस्थापक 23 वर्षीय मार्क जुकेरबर्ग का है। रपट के मुताबिक 40 से कम उम्र की अरबपति महिलाओं की संख्या वर्ष 2007 में बढ़कर सात हो गई। एक साल पहले इनकी संख्या सिर्फ दो थी। 50 से कम उम्र की अरबपति महिलाओं की संख्या बढ़कर 20 हो गई। वर्ष 2006 में इनकी संख्या 17 थी।
पत्रिका के मुताबिक अरबपतियों की आबादी में केवल दो फीसदी महिलाएं ही 50 साल से कम उम्र की हैं। इनमें विश्व की सबसे अमीर लेखिका रोलिंग,ओबामा की वित्त प्रमुख,तुर्की की चार बहनें,विरासत में संपत्ति पाने वाली दो महिलाएं और दो पूर्व फैक्टरी कर्मचारी शामिल हैं। इन्होंने अरबों डालर का कारोबार खड़ा किया।
इन महिलाओं की प्रशंसा में फोर्ब्स ने कहा है कि यह अकेली हों या विवाहित। स्वयंसिद्ध हों या इन्हें विरासत में संपत्ति मिली हो, इतना निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि इनकी धन अर्जित करने की क्षमताओं की कोई सीमा नहीं है। विश्व की कुछ सबसे बड़ी अर्थव्यस्थाओं से उभरी ये महिलाएं कारपोरेट भूमिका निभा रही हैं। इनकी इस हैसियत केबारे में उनकी दादी-नानी और यहां तक कि माओ ने सपने में भी नहीं सोचा होगा।