नेहरू को नहीं मिल पाया नोबेल  

Posted by: Arun




भारत की ओर से न केवल महात्मा गांधी बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू भी नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित हो चुके हैं-वो भी कुल 11 बार.

नोबेल फ़ाउंडेशन यूँ तो पूर्व में नामांकित लोगों के नाम गुप्त रखती है लेकिन अब उसने 1901 से लेकर 1956 तक नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं.

इस सूची के अध्ययन से पता चलता है कि 50 के दशक में भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को 11 बार शांति पुरस्कार के लिए नामांकन मिला था. उन्हें 1950 में दो लोगों की ओर से नामांकित किया गया था.

नोबेल फ़ाउडेशन की वेबसाइट के मुताबिक नेहरू ने भारत में संसदीय सरकार स्थापित करने में मदद की, वे आज़ादी की लड़ाई के प्रमुख नेताओं में से थे.

उन्हें तटस्थ विदेश नीति और गांधीजी के मूल्यों पर चलने के लिए 1950 में शांति नोबेल के लिए नामांकित किया गया था. इस वर्ष का शांति पुरस्कार अमरीकी कूटनयिक राल्फ़ बूंचे को फ़लस्तीनी इलाक़ों में मध्यस्थता करने के लिए मिला था.

ग्यारह बार हुआ नामांकन

नेहरू को नामांकन
पंडित नेहरू को 1950 में दो बार, 1951 में तीन बार, 1953 में तीन बार, 1954 में दो और 1955 में एक बार नामांकित किया गया था.

वर्ष 1951 में भी उन्हें तीन अलग-अलग लोगों ने नामांकित किया था जिस पर नोबेल समिति ने विचार किया. एक नामांकन 1946 में नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाले अमरीका के एमिली ग्रीन बाल्च ने किया था.

इस नामांकन का मूल्यांकन ओस्लो के प्रोफ़ेसर जेन्स अरूप सीप ने किया . पुरस्कार अंतत फ़्रांसीसी ट्रेड यूनियन नेता लिओन यूहॉक्स को मिला था.

फिर 1953 में नेहरू को तीन बार शांति पुरस्कार के लिए नामांकन मिला. तीनों नामांकन बेल्जियम की ओर से आए थे- बेल्जियन नेशनल असेंबली के सदस्यों की तरफ़ से. इस वर्ष जॉर्ज सी मार्शल को शांति पुरस्कार मिला था जिन्होंने दूसरे विश्व युद्ध में अमरीकी सेना का नेतृत्व किया था.

वर्ष 1954 में नेहरू (और पूर्व ब्रितानी प्रधानंत्री एटली) को दो बार नामांकित किया गया. उन्हें प्रोफ़ेसर सीप ने ही दोनों बार नामांकित किया था. उन्हें 1947 में ब्रिटेन और भारत के बीच शांतिपूर्ण तरीके से हल निकालने के लिए नामांकन मिला था.

आख़िरी बार नेहरू का नाम 1955 में नोबेल के लिए आगे बढ़ाया गया था. इस वर्ष किसी को भी शांति पुरस्कार नहीं दिया गया था.

यानी कुल 11 बार नेहरू को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन मिला लेकिन वे कभी नहीं जीत पाए. भारत की ओर से महात्म गांधी को भी शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था लेकिन उन्हें ये पुरस्कार दिया नहीं गया.

हाल ही में नोबेल फ़ाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष माइकल सोहलम ने अफ़सोस जताया था कि गांधीजी को नोबेल पुरस्कार नहीं दिया गया.

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