जापान :मुमकिन है कि कुछ समय बाद आपको अंतरिक्ष में जाने के लिए स्पेस शिप की जरूरत न पड़े। जापानी वैज्ञानिक एक ऐसी लिफ्ट या एलिवेटर तैयार कर रहे हैं, जो हमें जमीन से 99 हजार किलोमीटर ऊपर अंतरिक्ष में पहुंचा देगी। यह एक ऐसा प्रॉजेक्ट है, जिसके बारे में साइंस फिक्शन राइटर काफी लंबे समय से कल्पनाएं करते रहे हैं। यूं तो इस योजना पर कई देशों के वैज्ञानिक काम कर रहे थे, लेकिन जापान द्वारा इस स्पेस एलिवेटर पर चार खरब रुपये खर्च करने के ऐलान के बाद अब इस काम में तेजी आ गई है।
माना जाता है कि इस तरह की लिफ्ट या एलिवेटर के बारे में 1979 में सबसे पहले मशहूर साइंस फिक्शन लेखक ऑर्थर सी. क्लॉर्क ने अपनी किताब द फाउंटेन्स ऑफ पैराडाइज में जिक्र किया था। इससे प्रेरणा ले कर वैज्ञानिक करीब 35 किलोमीटर लंबे केबलों की सहायता से ऊपर-नीचे सफर करने वाली लिफ्ट बनाने जा रहे हैं।
इसके लिए जरूरत होगी कि ये केबल सबसे मजबूत, साथ ही सबसे हल्के भी हों। इस एलिवेटर के केबिन जमीन से अंतरिक्ष स्टेशन तक अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाया करेंगे। उम्मीद यह भी है कि इंसानों के साथ इनमें बड़े-बड़े सोलर पावर से चलने वाले जेनरेटर भी भेजे जा सकेंगे। बाद में अंतरिक्ष में स्थित ये जेनरेटर पृथ्वी पर ऊर्जा की सप्लाई करेंगे।
जापान में नवंबर में इस मशीन को बनाने के लिए एक विस्तृत टाइम टेबल तैयार किया जाएगा। इस काम का सबसे मुश्किल पक्ष होगा लिफ्ट को खींचने वाली केबल के लिए उचित मटीरियल ढूंढना। चूंकि ये केबल हल्के होने के साथ इतने मजबूत भी होने चाहिए ताकि स्पेस में टकराने वाली चीजों का मुकाबला कर सकें इसलिए वैज्ञानिक इन्हें बनाने के लिए नैनोट्यूब्स पर विचार कर रहे हैं।
जापान की स्पेस एलिवेटर असोसिएशन के डाइरेक्टर प्रफेसर योशिओ आओकी का कहना है कि जरूरी है कि ये केबल स्टील से 180 गुना मजबूत हों। इसके लिए इन्हें अब तक के सबसे मजबूत नैनोट्यूब्स से चार गुना ज्यादा ताकतवर बनाना होगा। अब सवाल उठता है कि इन लिफ्टों को चलाया कैसे जाएगा, इसका जवाब देते हुए प्रफेसर आओकी ने कहा, हम सोच रहे हैं कि इसमें वही तकनीक इस्तेमाल करें जो हम बुलेट ट्रेन में करते हैं। चूंकि, कार्बन नैनोट्यूब्स में बिजली आसानी से बह सकती है इसलिए हमारा सोचना है कि एक और केबल बिजली मुहैया कराने के लिए लगाई जाए।
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on 2:24 PM
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