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Posted by: Arun


नोटबुक


क्या आपको नोटबुक
कंप्यूटर की जरूरत है? अगर हां, तो इसे यूं ही नहीं खरीद लीजिएगा। इससे पहले कुछ होमवर्क करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।

आप नोटबुक खरीदने जाएंगे, तो जाहिर है कि सबसे पहला ध्यान इसकी खासियतों पर देंगे। सबसे पहले वे बातें चेक करेंगे, जिनके बारे में आपने सुना है, जैसे: ड्यूअल कोर प्रोसेसर, बड़ी स्क्रीन, छोटा साइज और कम वजन। लेकिन सिर्फ सुनकर ही इंप्रेस नहीं हो जाना चाहिए। इससे कहीं ज्यादा फायदेमंद होगा, इनके बारे में अच्छी तरह जान लेना।

Screen
नोटबुक खरीदने से पहले इसके स्क्रीन टाइप पर विशेष ध्यान दें। पहले देख लें कि एलसीडी स्क्रीन 'ग्लॉसी' है या 'मैटी'। इन दिनों मैन्युफैक्चरर्स ज्यादातर ग्लॉसी स्क्रीन बना रहे हैं। ये स्क्रीन लैपटॉप पर मूवी देखने के लिए तो बढि़या रहती हैं, लेकिन रूटीन का ऑफिस वर्क करने के लिए नहीं, क्योंकि ग्लॉसी स्क्रीन बहुत ज्यादा रिफ्लेक्टिव होते हैं।

परंपरागत ऑफिस कल्चर में ग्लॉसी स्क्रीन का इस्तेमाल करने का मतलब है, आंखों पर जरूरत से ज्यादा दबाव और कंसंट्रेशन में परेशानी महसूस होना। दरअसल, ऑफिस में ग्लॉसी स्क्रीन पर पड़ने वाली रोशनी और ऑब्जेक्ट्स की इमेज को इग्नोर करके काम करना पड़ता है। कुल मिलाकर, कहा जा सकता है कि अगर आप सिर्फ ऑफिस वर्क करने के लिए नोटबुक खरीद रहे हैं और इस पर मूवी देखने या गेम्स खेलने का आपका इरादा नहीं है, तो ग्लॉसी स्क्रीन को अवॉइड ही करना चाहिए।

Connectivity
भले ही आज कई नोटबुक्स बिल्ट-इन वायरलेस नेटवर्क कनेक्टिविटी के साथ आती हैं, लेकिन अभी भी यह बड़ी परेशानी है कि ज्यादातर में पुरानी तकनीकों का ही इस्तेमाल किया जाता है। वायरलेस ट्रांसमिशन स्टैंडर्ड को आधिकारिक रूप से '802.11 एन' किए जाने से नेटवर्किंग स्पीड में काफी सुधार होगा। तब, इंटरनेट और नेटवर्टिंग कनेक्टिविटी स्पीड आज के मुकाबले 10 गुना तेज हो जाएगी। जाहिर है, कोई भी व्यक्ति अपने नोटबुक कंप्यूटर में तेज स्पीड चाहेगा। वैसे भी एक बार नोटबुक खरीदने के बाद इस पर वायरलेस कनेक्टिविटी का प्रकार बदलने की सुविधा नहीं होती, इसलिए तेज स्पीड का होना बेहद जरूरी है। सिर्फ 802.11 बी या 802.11 जी (बिल्ट इन) वायरलेस कार्ड वाली नोटबुक को इग्नोर कर देना चाहिए। 802.11 एन वर्जन को जरूर प्रयोग करने लायक माना जा सकता है, क्योंकि इसकी स्पीड 802.11 जी से कहीं ज्यादा होगी और इसे बाद में अपग्रेड भी कराया जा सकता है।

Making
कोई भी नोटबुक कंप्यूटर कितनी गंभीरता से बनाया गया है, यह बेहद अहम बात है। इसी के आधार पर तय होगा कि आपकी नोटबुक कितने लंबे समय तक आपका साथ देगी? दुर्भाग्य से, बढ़ती प्रतियोगिता ने इस समय को बहुत कम कर दिया है। बाजार में प्रतियोगिता का सबसे पहला असर कम कीमतों के रूप में दिखाई देता है। यह असर नोटबुक के मार्किट में भी नजर आने लगा है। कम कीमत में अपना प्रॉडक्ट बेचने की होड़ में नोटबुक मेकर्स क्वॉलिटी से समझौता करने लगे हैं। अगर आप अक्सर ट्रैवल करते हैं या किसी यंगस्टर के लिए नोटबुक खरीद रहे हैं, तो ऐसा प्रॉडक्ट खरीदें, जो थोड़ा-बहुत रफ इस्तेमाल सहन कर सके।

Heat
पावरफुल प्रोसेसर, तेज हार्ड ड्राइव और भारी-भरकम बैटरी : नतीजा, गर्म बॉडी
जी हां, ज्यादातर नोटबुक कंप्यूटर्स के साथ यही समस्या होती है। लोग नोटबुक इसलिए लेते हैं कि उन्हें काम करने के लिए डेस्क का मोहताज न होना पड़े और वे जहां चाहें, नोटबुक को गोद में रखकर काम कर सकें। अगर नोटबुक का निचला हिस्सा जल्दी ही गर्म हो जाएगा, तो सोचिए आप काम कैसे कर सकेंगे?

वैसे, कुछ मेकर्स ने इस समस्या को ध्यान में रखा है। तभी तो मार्किट में इतनी बढि़या क्वॉलिटी की नोटबुक भी उपलब्ध हैं, जिनकी बॉडी गर्म नहीं होती। खुद नोटबुक खरीदने से पहले या तो मेकर से संपर्क करें या किसी ऐसे स्टोर में विजिट करें, जहां नोटबुक को डिस्प्ले में ऑन रखा गया हो। इसे छूकर इसकी क्वॉलिटी का अंदाजा किया जा सकता है।

Noise
वैसे, नोटबुक में शोर का कोई मतलब नहीं रह गया है। लेकिन अगर आपको हल्के शोर से भी काम करने में परेशानी होती है, तो यह आपके लिए बड़ा मुद्दा हो सकता है। नोटबुक में शोर दो कारणों से पैदा होता है, हार्ड ड्राइव और कूलिंग फैन। अगर आप हार्ड ड्राइव के सोर्स से ही छुटकारा पाना चाहते हैं, तो स्ट्रॉन्ग स्टेट ड्राइव वाली नोटबुक की तलाश कीजिए।

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